अडानी पर कांग्रेस को मिला 16 दलों का साथ

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गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट और हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर संसद में हंगामा जारी है। सोमवार को भी सदन शुरू होते ही विपक्षी दल चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा दोनों को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। इससे पहले भी कई दिन इस मसले पर हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। सोमवार सुबह राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर मीटिंग हुई। इस दौरान विपक्षी दलों ने अडानी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर चर्चा करने की मांग पर आंदोलन जारी रखने की बात कही।

विपक्षी दलों ने इस मीटिंग में कहा कि अडानी पर चर्चा को मंजूरी मिलने तक संसद की कार्यवाही चलने नहीं दी जाएगी। आज से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होनी थी। सोमवार को खड़गे के कमरे में हुई मीटिंग में डीएमके, एनसीपी, शिवसेना, बीआरएस, जेडीयू, सपा, सीपीआई, केरल कांग्रेस, आरएलडी, जेएमएम, आम आदमी पार्टी और आरजेडी जैसे 16 दल शामिल थे। इस बीच सरकार का कहना है कि विपक्ष को हंगामा छोड़कर सदन में चर्चा करनी चाहिए और कार्यवाही को आगे बढ़ने देना चाहिए।

शुक्रवार को भी दोनों सदन बिना किसी कामकाज के ही स्थगित हो गए थे। अडानी के मुद्दे पर 16 दलों की एकजुटता दिख रही है और मल्लिकार्जुन खड़गे के कमरे में सभी पार्टियों के नेताओं का एकजुट होना कांग्रेस को जरूर उम्मीद बंधाने वाला है। मोदी सरकार के दोनों कार्यकालों में शायद यह पहला मौका है, जब कांग्रेस को इस तरह से इतने दलों का एकसाथ समर्थन मिला है। विपक्षी दलों का कहना है कि अडानी के मुद्दे पर संसद की ओर से जेपीसी गठित होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो सकता तो फिर सुप्रीम कोर्ट के किसी जज की निगरानी में जांच कराई जानी चाहिए।

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