366 करोड़ लेन-देन की साजिश: संविदा नियुक्ति नहीं मिली सेवानिवृत्ति के बाद तो मंत्री-अफसरों के नाम लिखी घपले की कहानी
छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में एक कथित डायरी के माध्यम से पदस्थापना के नाम पर 366 करोड़ रुपए लेने-देन की शिकायत मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपी रायपुर का पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) निकला। आरोपी सेवानिवृत्ति के बाद संविदा में नियुक्ति चाह रहा था। उसने कई प्रयास भी किए, लेकिन वह सफल हो पाया। संविदा नियुक्ति में अड़ंगा अटकाने के लिए दोषी मानते हुए उसने शिक्षा विभाग के अफसरों को सबक सिखाने की योजना बनाई और दो लोगों के साथ मिलकर फर्जी घोटाले की पूरी कहानी लिख डाली। आरोपी पोस्ट ऑफिस के सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल की मदद से पुलिस के हत्थे चढ़े। रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने शनिवार को इस मामले का खुलासा किया।
एसएसपी ने बताया कि लोक शिक्षण संचालनालय के डिप्टी डायरेक्ट ने राखी थाने में उनके नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर शिकायत करने पर एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच के बाद पुलिस ने पूर्व डीईओ गेंदाराम चंद्राकर (64 साल) निवासी ग्राम भड़हा थाना खरोरा, संजय सिंह ठाकुर (51 साल) निवासी सी/79 देवेन्द्र नगर, रायपुर व कपिल कुमार देवदास (30 साल) टाटीबंध, रायपुर को गिरफ्तार किया है। एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि पूर्व डीईओ गेंदराम चंद्राकर की सेवानिवृत्ति जनवरी-2021 में हुई। गेंदाराम संविदा नियुक्ति चाह रहा था। अपनी संविदा नियुक्ति की फाइल रुकवाने के पीछे वह वर्तमान डीईओ एएन बंजारा, संयुक्त संचालक केसी काबरा, ओएसडी आरएन सिंह, एबीईओ प्रदीप शर्मा व निज सचिव अजय सोनी को जिम्मेदार मानता था। गेंदाराम ने सभी को सबक सिखाने अपने मित्र संजय सिंह के माध्यम से ट्रांसफर व पोस्टिंग की मनगंढ़त कहानी बनाकर शिकायत करने की योजना बनाई।
2019 से अब तक के ट्रांसफर की आदेश प्रति निकला
गेंदाराम चंद्राकर ने वर्ष 2019 से लेकर अब तक जितने ट्रांसफर व पोस्टिंग हुई थी, उसकी आदेश प्रति निकाली और अपने घर के पास निर्माणाधीन बिल्डिंग में एक चौकीदार भुवनेश्वर साहू को दो डायरी खरीदकर दी। उसमें आदेश प्रति को लिखने बोला। साथ ही किसको कितने रुपए का लेन-देन हुआ लिखना है, यह भी चौकीदार को लिख कर दिया था। एसएसपी ने बताया कि शिकायत पत्र को टाइप कराने के लिए संजय सिंह ठाकुर ने अपने होम्योपैथिक मेडिकल कालेज रामकुण्ड ऑफिस में काम करने वाले कपिल कुमार से गेंदाराम चंद्राकर की मुलाकात कराई। पूरी शिकायत को गेंदाराम द्वारा अपने हाथ से लिखकर कपिल कुमार को आशुतोष चावरे के नाम से शिकायत टाइप करने को दिया। उप संचालक लोक शिक्षण के नाम से सील (रबर) कपिल को तैयार कर देने बोला था। कपिल कुमार द्वारा सील तैयार कर दिया गया एवं शिकायत टाइप कर पोस्ट ऑफिस के माध्यम से पोस्ट कर दिया। इसके लिए कपिल को ढाई हजार रुपए गेंदाराम चंद्राकर ने दिया गया था।
शिकायती पत्र में मंत्री से लेकर अफसरों तक के नाम
एसएसपी ने बताया कि आरोपियों ने एक डायरी में मंत्री प्रेमसाय टेकाम का नाम लिखकर हजारों कर्मचारियों से पोस्टिंग, ट्रांसफर के नाम पर रुपए लेने की बात लिखी। कुल 366 करोड़ के लेन-देन का जिक्र किया। एक शिकायत पत्र तैयार करके इसमें लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक आशुतोष चावरे के नाम का इस्तेमाल किया। ये शिकायती पत्र कई अफसरों, मीडिया हाउस और नेताओं को डाक के जरिए भेज दिए। एक प्रति गेंदाराम ने अपने पास रखीं। बचीं हुई शेष प्रतियों को संजय सिंह के पास भिजवा दिया था। हाथ से लिखी दोनों डायरियों, रबर सील व ट्रांसफर व पोस्टिंग आर्डर के रफ वर्क गेंदाराम ने जला दिया था। पुलिस ने बताया कि शिकायत पत्र का मामला उजागर होने पर कपिल ने संजय सिंह को फोन कर अपना डर जाहिर किया, जिस पर संजय सिंह द्वारा कपिल को अपने पास बुलाकर उसका मोबाइल बंद कराकर अपने परिचित के घर सेल टैक्स कालोनी में छिपा दिया। पुलिस टीम द्वारा कपिल कुमार को गिरफ्तार के दौरान उसके पाकेट में एक पत्र प्राप्त हुआ, जिसमें उसने उक्त घटना की संपूर्ण जानकारी का उल्लेख किया था।