ईदगाह मैदान में हुई गणेश स्थापना, आधी रात तक चली सुनवाई में HC ने दिया था फैसला
कर्नाटक हाई कोर्ट से बीती आधी रात को मिली अनुमति के बाद हुबली ईदगाह मैदान में गणेश प्रतिमा स्थापित कर दी गई। यहां तीन दिन गणेशोत्सव मनाया जाएगा। सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए गए हैं। इससे पहले हाई कोर्ट ने मंगलवार देर रात हुई सुनवाई में हुबली ईदगाह मैदान में गणेश प्रतिमा स्थापित करने और पूजा करने की अनुमति दे दी। रात 12.30 बजे सुनाए गए अपने फैसले में जज ने कहा कि गणेशजी के अलावा किसी और देवता की मूर्ति नहीं लगाई जाएगी और यह अनुमति केवल तीन दिन के आयोजन के लिए है। इससे पहले धारवाड़ नगर आयुक्त ने हुबली ईदगाह मैदान (Hubballi Idgah) में गणेशोत्सव आयोजित (Ganesh festival celebration) करने की अनुमति दी गई थी। इसे हाई कोर्ट में चुनौती गई गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अशोक एस. किनागी ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि यह संपत्ति धारवाड़ नगरपालिका की है। अंजुमन-ए-इस्लाम 999 साल की अवधि के लिए एक रुपये प्रति वर्ष के शुल्क पर केवल एक पट्टा धारक था। नगर आयुक्त के आदेश को अंजुमन-ए-इस्लाम ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हुबली-धारवाड़ नगर निगम ने यहां ईदगाह मैदान में गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया था। यह निर्णय निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ चली लंबी बैठक के बाद सोमवार देर रात लिया गया था।
बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव की अनुमति देने से इन्कार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी उत्सव मनाने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया और दोनों पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि गणेश चतुर्थी की पूजा कहीं और की जा सकती है। जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एमएम सुंद्रेश की पीठ ने कहा, ‘हाई कोर्ट की एकल पीठ के समक्ष रिट याचिका लंबित है और सुनवाई की तिथि 23 सितंबर निर्धारित है। सभी सवाल या मुद्दे हाई कोर्ट में उठाए जा सकते हैं। इस बीच दोनों पक्ष यथास्थिति बनाए रखेंगे। लिहाजा विशेष अनुमति याचिका का निपटारा किया जाता है।’