बुनकरों ने आपदा को बनाया अवसर आठ बुनकर समितियों ने तैयार किया 25 लाख रुपए का वस्त्र

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 ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में ग्रामोद्योग ग्रामीणों के रोजगार का जरिया बना है। एक ओर जहां बुनकरों ने कोरोना संक्रमण काल की आपदा को अवसर में बदला है

 

वहीं बस्तर जिले की आठ बुनकर समितियों के 76 परिवारों ने 25 लाख रुपए का वस्त्र तैयार किया। बस्तर जिले के हाथकरघा कार्यालय के सहायक संचालक ने बताया कि कावड़गांव और गारेंगा के कुल 76 बुनकर परिवार जुड़कर वस्त्र उत्पादन कर रहे है।

 

 

समिति के द्वारा 2019-20 में लगभग 25 लाख रू मूल्य का वस्त्र उत्पादन किया गया है। समिति के बुनकर सदस्य शासकीय गणवेश, चादर, रूमाल गमछा, परंपरागत साड़ी, टॉवेल आदि बनाने में कुशल हैं। अधिकांश बुनकर परिवार घरों में हाथकरघा स्थापित कर कृषि कार्य के साथ-साथ वस्त्र बुनाई कर आर्थिक रूप से सक्षम बन रहे हैं।

इसी प्रकार लॉकडाउन काल में भी जिले के सभी बुनकर वस्त्र उत्पादन कर बुनाई में सकिय हैं। कुल 08 बुनकर समितियों के बुनकर परिवार सहकारी समितियों के माध्यम से रोजगार में जुड़े हुए है।

 

 

जिला हाथकरघा कार्यालय, जगदलपुर द्वारा संबंधित बुनकर को समितियों माध्यम से कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, उन्नत उपकरण, बुनकर आवास, रिवाल्विंग फण्ड सहायता का लाभ दिया जा रहा है। साथ ही इनकी मजदूरी का भुगतान शीर्ष बुनकर संघ, राजेन्द्र नगर रायपुर के द्वारा किया जाता है। छ.ग. राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ, रायपुर द्वारा नियमित धागा आपूर्ति और बुनाई मजदूरी का भुगतान होने से बुनकर आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बन रहे हैं साथ ही विभागीय योजनाओं का लाभ प्राप्त होने से बुनकरों के आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है।

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