अंतर्राष्ट्रीय

भारत करीब 5 दशकों में अमेरिका के साथ-साथ जापान और जर्मनी को भी पीछे छोड़कर आर्थिक मोर्चे पर आगे…

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नई दिल्ली. महज 76 साल का नया भारत अब विश्वगुरु कहे जाने वाले अमेरिका को पछाड़ने की राह पर है। इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैक्स की हालिया रिपोर्ट से इस बात के संकेत मिल रहे हैं। कहा जा रहा है कि भारत 2075 तक लंबी छलांग लगाकर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसमें बढ़ते कामगार और तकनीक समेत कई बातें बड़ी भूमिका निभाने जा रही हैं।

अगर रिपोर्ट की भविष्यवाणी सटीक रही, तो भारत करीब 5 दशकों में अमेरिका के साथ-साथ जापान और जर्मनी को भी पीछे छोड़कर आर्थिक मोर्चे पर आगे निकल जाएगा। फिलहाल, भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

रिपोर्ट में क्या
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनसांख्यिकी, इनोवेशन यानी नवाचार और तकनीक, उच्च पूंजी निवेश और बढ़ते कामगार भारत की रफ्तार बढ़ाने में बड़ी भूमिका अदा कर रहे हैं। साथ ही यह भी कहा गया, ‘अगले दो दशकों में क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत का डिपेंडेंसी रेशो भी सबसे कम हो जाएगा।’ दरअसल, डिपेंडेंसी रेशो के जरिए पता लगाया जाता है कि देश में काम करने वालों की संख्या के अनुपात में ऐसे कितने लोग हैं, जो उनपर निर्भर हैं।

गोल्डमैन सैक्स रिसर्च में भारतीय अर्थशास्त्री शांतनु सेनगुप्ता कहते हैं कि कामगारों की बढ़ती क्षमता और पूंजी निवेश भी भारत को काफी आगे बढ़ाएगा। साथ ही उन्होंने कहा, ‘भारत में डिपेंडेंसी रेशो की गिरावट, बढ़ती आय और वित्त क्षेत्र में होने वाले विकास के साथ बचत दर के बढ़ने की संभावनाएं हैं।’ उन्होंने बताया कि इसके जरिए निवेश को आगे बढ़ाने के लिए पूंजी की उपलब्धता बढ़ने की संभावनाएं होंगी।

जोखिम भी हैं
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर श्रम बल दर में इजाफा नहीं हुआ, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम भी होगा। रिपोर्ट के अनुसार, ‘बीते 15 सालों में श्रम बल दल में भारत में गिरावट देखी गई है।’ साथ ही इस क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की हिस्सेदारी भी बेहद कम है।

हालांकि, गोल्डमैन सैक्स ने रिपोर्ट में सरकार की तरफ से सड़कों और रेलवे को लेकर किए जा रहे कामों का जिक्र किया है। बैंक का मानना है कि और रोजगार तैयार करने के लिए निजी क्षेत्र के लिए यह उत्पादन और सेवाओं में क्षमता बढ़ाने का सही समय है।

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