आज से संसद में होगी बहस; AAP पड़ी अकेली
अडानी के मसले पर हंगामा कर रहे विपक्ष के तेवर अब नरम पड़ते दिख रहे हैं। सदन की शुरुआत से पहले विपक्ष की मीटिंग हुई, जिसमें कांग्रेस समेत कुल 15 विपक्षी दलों ने संसद में चर्चा की बात को मान लिया है। इन दलों का कहना है कि हम सदन में बहस में शामिल होंगे और अडानी मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के गठन की मांग करेंगे। विपक्ष का कहना है कि जेपीसी गठित नहीं करनी है तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की निगरानी में भी जांच कराई जा सकती है। कांग्रेस के अलावा डीएमके, एनसीपी, सीपीआई, शिवसेना, नेशनल कॉन्फ्रेंस, केरल कांग्रेस, सपा और आरजेडी समेत कई दलों ने संसद चलने पर सहमति जताई है।
हालांकि आम आदमी पार्टी इस विपक्षी एकता से अलग ही दिख रही है। उसने अडानी के मसले पर अब भी प्रदर्शन करने की बात कही है। वह संसद की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेगी। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘हमारा कहना है कि हम चर्चा करेंगे और आप हमारी न्यायिक जांच की मांग को स्वीकार करें। आप नर्वस क्यों हैं? इसमें गलत क्या है। आप ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं? वे चर्चा से भाग रहे हैं।’ खड़गे ने कहा कि सदन के स्थगन में हमारा कोई रोल नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी ओर से मुद्दी उठाए जाने से पहले ही सदन स्थगित हो जाता है। हमारे नोटिस की चर्चा तक नहीं होती। वे सिर्फ इतना कहते हैं कि सदन में कामकाज की स्थिति नहीं है। वे झूठ बोलते हैं कि हम हंगामा कर रहे हैं। भाजपा झूठ बोलने में एक्सपर्ट है।
खड़गे ने कहा कि भाजपा के लोगों को झूठ बोलने और लोगों को भ्रमित करने की ट्रेनिंग मिली हुई है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी ट्वीट कर कहा कि विपक्षी दलों ने संसद की कार्यवाही में शामिल होने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल संसद की चर्चा में हिस्सा लेंगे और संयुक्त संसदीय समिति की मांग करेंगे ताकि जांच की जा सके। गौरतलब है कि बजट के बाद से ही लगातार संसद स्थगित चल रही है। अडानी मामले की जांच की मांग को लेकर विपक्ष के हंगामे के चलते दोनों ही सदनों की कार्यवाही नहीं हो पा रही है।