साहित्यकार जुटे, ग्रन्थालय में लघु कथाओं पर कार्यशाला संपन्न

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BY-Naveen shrivastava

लाला जगदलपुरी ग्रंथालय साहित्यिक गतिविधियों के लिए प्रेरक की भूमिका निभा रही

जगदलपुर
लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय बनने के पश्चात से है जगदलपुर बस्तर में साहित्यिक गतिविधियां तेजी से उभर कर सामने आ रही हैं ।इसी सिलसिले में साहित्य एवं कला समाज जगदलपुर के द्वारा लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय के साहित्यिक सदन में लघु कथाओं की कार्यशाला के श्रृंखला का प्रथम आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में विषय रखा गया था । लघु कथाओं से क्या वैचारिक विमर्श संभव है?
इस विषय पर उपस्थित वक्ताओं ने अपने विचार सधे हुए तरीके से रखे ।
इसके साथ ही लघु कथा लेखन प्रक्रिया ,विषय चयन, लघु कथा की परिभाषा ,पर भी विस्तार से विचार विमर्श किया गया ।सभी साहित्यकारों ने अपनी एक एक लघु कथा का पठन भी किया।
अवध किशोर शर्मा ने 1975 में अखबार में प्रकाशित अपनी लघु कथा शर्त का वाचन किया।
श्रीमती आशा रानी पटनायक ने लघु कथाओं पर अपने लेख के बारे में बताया।
डॉ प्रमोद शुक्ला ने अपनी लघु कथा कोरोनावायरस पर आधारित सुनाई।
डॉ राजेश थंथराटे ने व्यंग शीर्षक पर लघु कथा सुनाई।
अनिता राज सत्य घटना पर आधारित अपने लघु कथा भूख के बारे में बताया।
श्रीमती अंजलि तिवारी ने अपनी लघु कथा मां की दर्द भरी आवाज को रोचक तरीके से सुनाया।


नरेंद्र पाढी ने पेड़ पर आधारित सुंदर लघु कथा प्रस्तुत किया।
शशांक श्रीधर शेण्डे ने मौलिन दाई कहानी को बहुत ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया।
नरेंद्र यादव ने एक नन्हे से बच्चे के द्वारा पिता से पूछे गए प्रश्न को लघु कथा के माध्यम से प्रस्तुत किया।
युवा साहित्यकार संदीप जोशी जो सुकमा से आए थे उन्होंने लघु कविताएं प्रस्तुत की।
युवा विद्यार्थी और बकावंड से पहुंचे पुनीत भारती ने बस्तर जिला के स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में कविता के माध्यम से लघु कथा सुनाई।
इसी प्रकार युवा कर्तव्य रामटेके ने बहुत ही अच्छे तरीके से अपनी लघु कथा प्रस्तुत की।
युवा कवि बाबू बैरागी ने बहुत ही ओजपूर्ण तरीके से अपनी रचना का पाठ किया जिसकी सभी लोगों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
अन्य साहित्यकार ओम प्रकाश ध्रुव ,सेवक लाल बाघ, गीदम से पहुंचे कृष्ण धर शर्मा ,सूरज नारायण, शरद चंद्र गौड़ ने लघु कथा के बारे में सदन में बहुत सारी बातें बताई जो सभी के लिए बहुत ही उपयोगी रही।
संपूर्ण कार्यक्रम में मंच संचालन का कार्य सनत जैन ने बहुत ही प्रभावी तरीके से किया। सनत जैन एवं सभा में उपस्थित सभी लोगों ने लाला जगदलपुरी जिला ग्रंथालय के साहित्यिक सदन में इस तरह के आयोजन करने के लिए व्यवस्था किए जाने पर जिला प्रशासन एवं ग्रंथालय परिवार को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा की धीरे धीरे जगदलपुर साहित्य के क्षेत्र में बड़े उत्साह से आगे बढ़ता जा रहा है।
कार्यक्रम में उपस्थित समस्त साहित्यकारों को जिला प्रशासन एवं ग्रंथालय परिवार की ओर से लाला जगदलपुरी पर आधारित स्मारिका एवं विरासत जगदलपुर की, हेरिटेज ऑफ जगदलपुर तथा कांगेर का संसार पुस्तक भेंट किया गया।
ग्रंथालय परिवार के साहित्यिक कोऑर्डिनेटर विधु शेखर झा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी साहित्यकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया । इस अवसर पर उन्होंने कहा की जिला प्रशासन बस्तर संभाग में साहित्यिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए अपनी ओर से सार्थक पहल कर रहा है ।भविष्य में भी किसी भी प्रकार की साहित्यिक गतिविधि के लिए जिला प्रशासन और ग्रंथालय परिवार की सार्थक पहल रहेगी।

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